लंबी चोंच वाला गिद्ध

Oct. 19, 2024

हाल ही में प्रकाशित एक अध्ययन ने इस बात पर प्रकाश डाला है कि गंभीर संकटग्रस्त लंबी चोंच वाले गिद्ध की आबादी में 2015 और 2021 के बीच लगातार वृद्धि देखी गई है, इस प्रजाति ने मुदुमलाई बाघ अभयारण्य में 74% प्रजनन सफलता दर प्रदर्शित की है।

लंबी चोंच वाले गिद्ध के बारे में:

  • यह एशियाई क्षेत्र का मूल निवासी एक पुरानी दुनिया का गिद्ध है।

  • तुलनात्मक रूप से लंबी चोंच के कारण इन्हें भारतीय लंबी चोंच वाले गिद्ध के रूप में भी जाना जाता है।

  • यह एक मध्यम आकार का जीव है, जो ज़्यादातर मृत जानवरों के शवों को खाता है।

  • इस प्रजाति की मादाएँ नर जीव से छोटी होती हैं।

  • निवास स्थान: ये आमतौर पर गाँवों, शहरों और खेती वाले क्षेत्रों के आसपास सवाना और अन्य खुले आवासों में पाए जाते हैं।

  • वितरण: ये भारत, पाकिस्तान और नेपाल के मूल निवासी हैं।

  • संरक्षण स्थिति:
    • IUCN रेड लिस्ट: गंभीर संकटग्रस्त

  • खतरे: पशु चिकित्सा दवा डाइक्लोफिनाक के जहर के कारण भारतीय गिद्धों की आबादी में 97-99% की कमी आई है। यह दवा गिद्धों के लिए जहरीली है। इसे बोझा ढोने वाले जानवरों को दिया जाता था क्योंकि इससे जोड़ों का दर्द कम होता था और इसलिए वे लंबे समय तक कार्य करते रहते थे।

मुदुमलाई बाघ अभयारण्य के बारे में मुख्य तथ्य

  • यह तमिलनाडु राज्य के नीलगिरी जिले में तीन राज्यों- कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के त्रि-जंक्शन पर स्थित है।
  • इसकी सीमा पश्चिम में वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (केरल) और उत्तर में बांदीपुर बाघ अभयारण्य  (कर्नाटक) से मिलती है।
  • वन- प्रकार: यहाँ उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन, आर्द्र पर्णपाती वन, आर्द्र सागौन वन, शुष्क सागौन वन, द्वितीयक घास के मैदान और दलदल से लेकर कई तरह के आवास पाए जाते हैं।
  • वनस्पति: अभयारण्य में लंबी घासें पायी जाती हैं, जिन्हें आमतौर पर "हाथी घास" कहा जाता है। साथ ही विशाल किस्म के बांस, सागौन, शीशम जैसी मूल्यवान लकड़ी की प्रजातियाँ आदि भी पाए जाते हैं।
  • जीव: हाथी, गौर, बाघ, तेंदुआ, चित्तीदार हिरण, भौंकने वाला हिरण, जंगली सूअर, साही आदि।